रा.मध्य विद्यालय करमवा के स्थानीय शिक्षक विद्यालय को अपना जागीर समझते हैं, अधिकारी द्वारा नही होता है कार्यवाही।

रा.मध्य विद्यालय करमवा के स्थानीय शिक्षक विद्यालय को अपना जागीर समझते हैं, अधिकारी द्वारा नही होता है कार्यवाही।
रा.मध्य विद्यालय करमवा के स्थानीय शिक्षक विद्यालय को अपना जागीर समझते हैं, अधिकारी द्वारा नही होता है कार्यवाही।

कुंदन मिश्रा का रिपोर्ट।
सुगौली पु.च.

सुगौली प्रखण्ड के विद्यालयों में शिक्षा और शिक्षक नाम की कोई चीज नही है।स्कूल समय मे बच्चे स्कूल में ही पत्ती, तास खेलते नजर आ रहे हैं।ऐसा ही एक मामला राजकीय मध्य विद्यालय करमवा का है,इस विद्यालय के सभी शिक्षक स्थानीय है और दबंग भी,जिससे विद्यालय का बद से बत्तर स्थिति है।बच्चों का भविष्य अंधकारमय होते जा रहा है।विद्यालय के सभी सरकारी योजनाओं में बन्दर बाट किया जाता है।विद्यालय के सभी शिक्षक स्थानीय होते हुए भी समय से नही आते है।वही प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी का कहना है कि विद्यालय खुलने का समय 9:00 बजे है लेकिन 11:00 बजे तक शिक्षक विद्यालय में ही नही आता है,और विद्यालय के समय बच्चे विद्यालय कम्पाउंड में ही तास, पत्ती खेलते हैं।कभी कभी तो हद तब हो जाता है जब शिक्षक और प्रधानध्यापक खुद से विद्यालय बन्द कर छुट्टी मना लेते है।विद्यालय में ना ही साफ पानी का व्यवस्था है और ना ही शौचालय का।स्थानीय लोगो का कहना है कि विद्यालय का स्थिति बहुत ही खराब है,ना ही समय से पढ़ाई होती है,ना ही समय से शिक्षक आते है,स्थानीय शिक्षक का दबंगई बरकरार है विद्यालय में।मिडे मिल का चावल भी समय से नही दिया जाता है और विद्यालय से गायब हो जाता है,पता नही उस चावल को आसमान निगल लेता है या धरती।शिक्षक व प्रधानध्यापक का कहना है कि हमरा कुछ नही होगा।वही जब रिपोर्टरों के द्वारा स्थानीय प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी से बात किया गया तो उनका कहना है कि जाँच किया जाएगा और कारवाई होगी।